अनुप्रास के भेद
अनुप्रास अलंकार के पांच प्रकार हैं
1. छेकानुप्रास अलंकार2. वृत्यानुप्रास अलंकार3. अन्त्यानुप्रास अलंकार4. श्रुत्यानुप्रास अलंकार5. लाटानुप्रास अलंकार
Bạn đang xem: अनुप्रास अलंकार – Anupras Alankar अनुप्रास अलंकार के 10 उदाहरण – Anupras Alankar Ke Udaharan
1. छेकानुप्रास अलंकार
जहाँ एक या अनेक वर्णों की एक ही क्रम में एक बार आवृत्ति हो वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है।
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उदाहरण
बंदऊ गुरु पुद् पदुम परागा। सुरुचि सुवास सरस अनुरागा।
2. वृत्यानुप्रास अलंकार
जब एक व्यंजन की आवर्ती अनेक बार हो वहाँ वृत्यानुप्रास अलंकार कहते हैं।
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उदाहरण
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।
3. अन्त्यानुप्रास अलंकार
जहाँ पंक्ति के अंतिम वर्ण में समान स्वर या मात्राओं की आवृत्ति में तुक मिलती हो वहाँ पर अन्त्यानुप्रास अलंकार होता है।
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उदाहरण
रघुकुल रीत सदा चली आई। प्राण जाय पर वचन न जाई।
4. श्रुत्यानुप्रास अलंकार:
जहाँ एक ही उच्चारण स्थान से बोले जाने वाले वर्णों की आवृत्ति होती है, उसे श्रुत्यानुप्रास अलंकार कहते है।
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उदाहरण
तुलसीदास सीदति निस दिन देखत तुम्हार निठुराई।
5. लाटानुप्रास अलंकार
जहाँ शब्द की आवर्ती हो तथा प्रत्येक जगह पर अर्थ भी वही पर अन्वय करने पर भिन्नता आ जाये वहाँ लाटानुप्रास अलंकार होता है।
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उदाहरण
पूत सपूत तो का धन संचय। पूत कपूत तो का धन संचय।
निष्कर्ष
इस अनुप्रास अलंकार और अनुप्रास अलंकार के 10 उदाहरण (Anupras Alankar) ब्लॉग में का अध्ययन किया।अनुप्रास अलंकार हिंदी साहित्य में एक रोमांचक अलंकार है, जो भाषा को सुंदर और आकर्षक बनाता है। इसका उपयोग शब्दों और वाक्यों को संवादपूर्ण बनाने के लिए किया जाता है। अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरणों में वर्णों और शब्दों की आवृत्ति से अर्थ और सौंदर्य को बढ़ावा मिलता है। इसलिए, इस अलंकार को समझना और इसका उपयोग करना हिंदी भाषा के लेखन में एक महत्वपूर्ण कला है।
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Nguồn: https://tromino.eu
Danh mục: शिक्षा
This post was last modified on November 21, 2024 4:48 am