आशीष कुमार, पश्चिम चम्पारण. अक्सर बुढ़ापे में होने वाले रोग अब युवावस्था में ही लोगों को अपना शिकार बनाने लगे हैं. इन रोगों में ब्लड प्रेशर, शुगर और किडनी में पथरी होने की समस्या सबसे अधिक है. खास कर अगर बात की जाए किडनी में स्टोन की, तो इस रोग में पीड़ित लंबे समय तक अंग्रेजी उपचार कराने को मजबूर हो जाते हैं. इसका बुरा प्रभाव उनके शरीर पर स्पष्ट रूप से झलकने लगता है. ऐसे में आज हम आपको किडनी स्टोन के स्थाई इलाज के उस चिकित्सा पद्धति के बारे में बताने वाले हैं, जिसका वर्णन आयुर्वेद में है.
- 20 फलों के नाम अंग्रेजी में हिंदी में (20 फलों के नाम इंग्लिश में) – 20 Fruits Name In English And Hindi
- Top 10 Richest City in India: भारत के इस शहर में रहते हैं सबसे ज्यादा अरबपति, दिल्ली-मुंबई-बेंगलुरु किस नंबर पर? हैदराबाद ने किया कमाल
- Paneer Protein Per 100g: Evaluating Protein Content for Health
- Human Body Parts Name In Hindi And English – शरीर के अंगों के नाम।
- Diabetes Test : डायबिटीज से बचना है तो 30 साल की उम्र में ही करा लें ये 3 टेस्ट
पथरी का काल है पाषाणभेद पौधा पतंजलि के आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि किडनी स्टोन का बेहतर इलाज केवल आयुर्वेद में संभव है. बड़े-बड़े यूरोलोजिस्ट भी इस बीमारी में आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करते हैं. सामान्य रूप से 10 एमएम तक के स्टोन का इलाज आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से किया जा सकता है. वे बताते हैं किपाषाणभेद का पौधा भारत में बहुत प्रसिद्ध है.
Bạn đang xem: किडनी स्टोन के लिए काल है यह पौधा, बड़ी से बड़ी पथरी को भी कर देता है गायब!
Xem thêm : 1 to 21 Mukhi Rudraksha Benefits
इसे पत्थरचट्टा, पत्थरतोड़ा, पत्थरचूर आदि नाम से भी जाना जाता है. पाषाणभेद शब्द का अर्थ होता है पत्थरों को तोड़ना. यही इस औषधि का मुख्य गुण भी है. इसका इस्तेमाल पथरी के इलाज में किया जाता है. इसमें ऐसे औषधीय गुण होते हैं, जो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र मार्ग से बाहर निकाल देते हैं.
ऐसे करें सेवन आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, पाषाणभेद की पत्तियों को पीसकर आप मोटा चूर्ण या काढ़ा बना सकते हैं. इसके बाद इसे 40-50 mm के खुराक में दिन में दो या तीन बार ले सकते हैं. इससे पेशाब की पथरी का आकार कम हो जाता है और बार-बार होने वाले मूत्र से भी राहत मिलती है. काढ़ा बनाने के लिए 1 बड़ा चम्मच पाउडर 2 कप पानी में मिक्स करें और इसे अच्छी तरह उबाल लें. जब 1 कप पानी रह जाए तो इसे छान लें और दिन में दो या तीन बार इसे पिएं.
यदि आपको कोई गंभीर समस्या है और आपके किडनी की पथरी की अलग-अलग स्थिति है, तो खुद से दवा न लें. हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर दवा का सेवन करें.
Xem thêm : Top Arts and science Colleges in Coimbatore
इन बातों का रखें ध्यान आयुर्वेद में किडनी की पथरी के इलाज के लिए पाषाणभेद की पत्तियां, वरुण क्वाथ, गोक्षुरा गुग्गुल, पुनर्नवा क्वाथ आदि दवाएं बेहद कारगर हैं. इसके साथ ही कुलथी या कुर्थी के दाल का भी सेवन किया जाता है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं किइस रोग में टमाटर, चुकंदर, अमरुद या पालक कम मात्रा में खाना चाहिए. साथ हीरेड मीट (बकरे और अन्य बड़े जानवरों का मास) नहीं या बहुत कम खाना चाहिए. रोजाना कम-से-कम 9-10 गिलास पानी जरूर पिएं और बीज वाली चीजों का सेवन कम मात्रा में करें.
इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
Tags: Health News, Lifestyle, Local18
Nguồn: https://tromino.eu
Danh mục: शिक्षा