इस लेख में हम आपको समास की परिभाषा (samas ki paribhasha aur uske bhed) के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें आपको नियम, भेद और उदाहरण बताये जाएंगे।
- Karnataka Class 10 Hindi Solutions वल्लरी Chapter 7 तुलसी के दोहे
- 100+ Fruits Name In Hindi And English | फलों के नाम हिंदी और इंग्लिश में
- 70+ Best सर्वश्रेष्ठ छोटे सुविचार – Chhote Suvichar in Hindi
- Sawan 2024: सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग, पहले दिन शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा
- Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain – सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण
समास की परिभाषा (Samas Ki Paribhasha)
दो या दो से अधिक शब्दों के योग को समास कहते हैं। दो पदों के मेल से जो नया शब्द बनता है उसे समस्त पद या सामासिक पद कहते हैं। समास का शाब्दिक अर्थ ‘संक्षेप’ या ‘सम्मिलन है। दो या दो से अधिक पद जब अपने विभक्ति-चिह्न या अन्य शब्दों को छोड़कर एक पद बन जाते हैं तो समास कहते हैं।
Bạn đang xem: Samas Ki Paribhasha | समास की परिभाषा aur uske bhed
इस प्रक्रिया से बने शब्द को सामासिक शब्द कहते हैं। सामासिक शब्दों को समस्त पद भी कहा जाता है। इस प्रकार के पदों में कभी प्रथम पद प्रधान हो जाता है तथा कभी दोनों गौण हो जाने पर नया अर्थ उत्पन्न हो जाता है। शब्दों के संक्षिप्त रूप को ही समास कहते हैं। सम का शाब्दिक अर्थ होता है भली प्रकार से तथा आस का शाब्दिक अर्थ होता हैं निवास। दो पदों को पास-पास लाकर सम्बन्ध कर देने की प्रक्रिया को समास कहते हैं।
समास छः प्रकार के होते हैं-
नामपद पूर्व समास में प्रथम पद अव्यय या उपसर्ग न होकर संज्ञा या विशेषण होता है। यह संज्ञा एवं विशेषण शब्द अव्ययी भाव समास में प्रयुक्त होने पर अपना रूप नहीं बदलते हैं-
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
अव्यय पद पूर्व
अव्ययीभाव समास के 50 उदाहरण
अव्ययीभाव समास के 10 उदाहरण
पहला पद नाम पद (अव्ययीभाव समास)
इस प्रकार जिसका प्रथम पद प्रधान होता है। प्रधान पद से तात्पर्य वह पद जिसके बिना निश्चित अर्थ की प्राप्ति नहीं होती है, प्रधान पद कहलाता हैं। अन्, अ,ना,कु, सु,दुर, दुस उपसर्गों को छोड़कर शेष सभी उपसर्गों से बनने वाले शब्द अव्ययी भाव समास के उदाहरण होते हैं।
2. तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा तथा द्वितीय पद (पर पद) प्रधान होता है। दोनों पदों के मध्य कारक की विभक्तियाँ लुप्त होती हैं। कर्त्ता एवं सम्बोधन (ने,हे,ओ,अरे) को छोड़कर शेष विभक्यिाँ लुप्त होती हैं। इस प्रकार तत्पुरुष समास में कारक की विभक्ति रहती है परन्तु समस्त पद में उसका लोप हो जाता है।
तत्पुरुष समास के निम्नलिखित भेद हैं-
1. कर्म तत्पुरुष (को)
Xem thêm : सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए 12 नामों का करें जाप, रविवार को ऐसे करें पूजा
जहां पूर्व पद में कर्म कारक की विभक्ति का लोप होता है वहाँ कर्म तत्पुरुष होता है।
तत्पुरुष समास के 20 उदाहरण
2. करण तत्पुरुष :- से, के द्वारा
तत्पुरुष समास के 10 उदाहरण
3. सम्प्रदान तत्पुरुष – (के लिए)
संप्रदान तत्पुरुष समास के 10 उदाहरण
4. अपादान तत्पुरुष = से अलग
5. सम्बन्ध तत्पुरुष = का, के, की
6. अधिकरण तत्पुरुष = में, पर
3. कर्मधारय समास (samas ki paribhasha aur uske bhed)
जिस समस्त पद का प्रथम पद विशेषण अर्थात् उपमान तथा द्वितीय पद विशेष्य अर्थात उपमेय होता है एवं द्वितीय पद का अर्थ प्रधान होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। इस प्रकार कर्मधारय समास वहाँ होता है. जहाँ पूर्व पद विशेषण और उत्तर पंद विशेष्य होता है. इस प्रकार पूर्व पद एवं उत्तर पद में उपमेय एवं उपमान का सम्बन्ध होता है।
उदाहरण
कर्मधारय समास के 20 उदाहरण
4. द्वन्द्वसमास (dvandva samas ki paribhasha)
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा दोनों पदों के बीच में ‘और’ अथवा ‘या’ का प्रयोग होता है। दोनों पदों को मिलाते समय मध्यस्थित योजक लुप्त हो जाता है।
द्वन्द्व समास के 10 उदाहरण
इस समास में इस प्रकार के पद भी सम्मिलित होते हैं जिनके दोनों पद संख्या का बोध कराने वाले अर्थात दस-बीस, तीस-चालीस संख्या वाची होते हैं।
4.द्विगु समास
यह समास तत्पुरुष समास के भेद कर्मधार्य समास का उपभेद है अतः इस का भी द्वितीय पद प्रधान होता है, वहीं प्रथम पद संख्या का बोध कराने वाला अर्थात् संख्यावाचक होता है। इस समास में संख्या के योग में समास विग्रह करते समय समूह या समाहार शब्द का प्रयोग किया जाता है।
द्विगु समास के उदाहरण
द्विगु समास के 20 उदाहरण
6. बहुव्रीहि समास (bahuvrihi samas ki paribhasha )
जिस समस्त पद मे दोनों पदों को छोड़कर तीसरा पद प्रधान होता है। बहुव्रीहि समास में सामान्य अर्थ की अपेक्षा अन्य अर्थ की प्रधानता रहती है। बहुव्रीहि समास में विग्रह करते समय शाब्दिक विग्रह के साथ समास का रूढ़ अर्थ अर्थात् विशेष अर्थ भी बताना पड़ता है। इस प्रकार बहुव्रीहि समास में आए हुए पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता तथा पूरा समस्त पद कोई अन्य अर्थ देता है।
बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको समास की परिभाषा (samas ki paribhasha aur uske bhed) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Xem thêm : Blog
इसके साथ आप हमारे अन्य ब्लॉग को पढ़ सकते है जिसकी लिंक निचे दी गई है।
वृद्धि संधि के उदाहरण : (Vriddhi sandhi ke udaharan) व नियम
संस्कृत वर्ण माला
संस्कृत में वर्ण प्रकार- संस्कृत व्याकरण नोट्स
स्वर संधि के कितने प्रकार हैं : (swar sandhi ke prakar) उनके भेद और उदाहरण
गुण संधि की परिभाषा : (gun sandhi ke niyam) व उदाहरण
संस्कृत अच् सन्धि परिभाषा व उदाहरण : (sanskrit sandhi)
आप अन्य सामान्य ज्ञान के लिए आप फैक्ट्स पत्रिका पर जा सकते है।
Nguồn: https://tromino.eu
Danh mục: शिक्षा