6. शरभावतार: शरभावतार भगवान शंकर का छटा अवतार है। शरभावतार में भगवान शंकर का स्वरूप आधा मृग (हिरण) तथा शेष शरभ पक्षी (पुराणों में वर्णित आठ पैरों वाला जंतु जो शेर से भी शक्तिशाली था) का था। इस अवतार में भगवान शंकर ने नृसिंह भगवान की क्रोधाग्नि को शांत किया था।
- Notice under Section 142(1) of the Income-tax Act – Inquiry Notice before Assessment of Tax
- Short Essay and 10 Lines on B.R. Ambedkar
- How to Pay Telangana Electricity Bill in 2024?
- Expected Percentile for 120 Marks in JEE Main 2024 Session 1
- Diabetes Test : डायबिटीज से बचना है तो 30 साल की उम्र में ही करा लें ये 3 टेस्ट
7. गृहपति अवतार: भगवान शंकर का सातवां अवतार है गृहपति। विश्वानर नाम के मुनि तथा उनकी पत्नी शुचिष्मती की इच्छा थी कि उन्हें शिव के समान पुत्र प्राप्ति हो। मुनि विश्वनार ने काशी में भगवान शिव के वीरेश लिंग की आराधना की और घोर तप किया। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने शुचिष्मति के गर्भ से पुत्ररूप में प्रकट हुए। कहते हैं, पितामह ब्रह्म! ने ही उस बालक का नाम गृहपति रखा था।
Bạn đang xem: Sawan 2017: भगवान शिव के 19 अवतारों के बारे में जानते हैं आप
8. ऋषि दुर्वासा : भगवान शंकर के विभिन्न अवतारों में ऋषि दुर्वासा का अवतार भी प्रमुख है। धर्म ग्रंथों के अनुसार सती अनुसूइया के पति महर्षि अत्रि ने ब्रह्मा के निर्देशानुसार पत्नी सहित ऋक्षकुल पर्वत पर पुत्रकामना से घोर तप किया। उनके तप से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी के अंश से चंद्रमा, विष्णु के अंश से श्रेष्ठ संन्यास पद्धति को प्रचलित करने वाले दत्तात्रेय और रुद्र के अंश से मुनिवर दुर्वासा ने जन्म लिया।
Xem thêm : Short Essay and 10 Lines on B.R. Ambedkar
9. हनुमान जी : भगवान शिव का हनुमान अवतार सभी अवतारों में श्रेष्ठ माना गया है। इस अवतार में भगवान शंकर ने एक वानर का रूप धरा था।
आगे की स्लाइड में पढ़ें और भी अवतारों के बारे में
Nguồn: https://tromino.eu
Danh mục: शिक्षा