Chandra Grahan 2024 Date: इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहने वाले हैं. 18 सितंबर को पहला और 2 अक्टूबर को अंतिम श्राद्ध होगा. संयोगवश इन दोनों ही तिथियों पर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं. 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण रहेगा. जबकि 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के श्राद्ध पर सूर्य ग्रहण रहेगा. ज्योतिषविदों की मानें तो पितृपक्ष पर ग्रहण का यह अशुभ प्रभाव चिंताजनक है. ऐसे में ज्योतिषविदों लोगों को संभलकर रहने की सलाह दे रहे हैं. आइए जानते हैं कि पितृपक्ष पर लग रहे इन ग्रहण का भारत पर क्या असर होने वाला है.
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कब और कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? (Chandra Grahan 2024 When And Where watch In India) साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है. यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 05 घंटे 04 मिनट रहेगी. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ये चंद्र ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और पश्चिमी यूरोप के देशों में दृश्यमान होगा. इसके अलावा, यह हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका की कुछ जगहों पर भी दिखाई दे सकता है.
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क्या भारत में लगेगा सूतक काल? (Chandra Grahan 2024 Sutak Kaal) चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है. इसलिए न तो पूजा-पाठ पर कोई पाबंदी है और न ही श्राद्धकर्म में किसी तरह की रुकावट आएगी. इसलिए आप बेझिझक पितरों का श्राद्ध और पिंडदान कर सकते हैं.
चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर (Chandra Grahan 2024 Rashifal) पितृपक्ष में लग रहे इस चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर मिलाजुला असर देखने को मिल सकता है. चंद्र ग्रहण के चलते कुछ राशियों को नुकसान तो कुछ को लाभ हो सकता है. ज्योतिषविद डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. ऐसे में इन जातकों को आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य के मोर्चे पर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं. जबकि वृष, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए इस चंद्र ग्रहण को शुभ बताया गया है. वहीं कर्क, तुला और धनु राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा.
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भारत पर कितना असर डालेगा सूर्य ग्रहण? (Surya Grahan 2024 When And Where watch In India) पितृपक्ष के अंतिम श्राद्ध यानी 2 अक्टूबर की रात को सूर्य ग्रहण लगेगा. यह सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 13 मिनट से लेकर मध्यरात्रि 03 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा. सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली और पेरू जैसे देशों में दिखाई देगा.
क्या सूर्य ग्रहण का लगेगा सूतक काल? (Surya Grahan 2024 Sutak Kaal) भारत में जब सूर्य ग्रहण दिखाई देता है तो उसका सूतक काल यहां 12 घंटे पहले लागू हो जाता है. सूर्य ग्रहण में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. देवी-देवताओं की पूजा-पाठ या उनका स्पर्श भी वर्जित माना गया है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
ग्रहण और पितृदोष के संयोग में करें ये उपाय (Chandra Grahan 2024 Pitru Paksha Upay) इस बार पितृपक्ष पर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है. ज्योतिषविदों का कहना है कि इस दिन ग्रहण काल की अवधि से बचते हुए कुछ विशेष उपाय करने से पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाएं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी दें. पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और अक्षत, पुष्प, गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं. श्राद्धकर्म के दौरान दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को प्रणाम करें.
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