Samas in Hindi: समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी 2024-25

Samas in Hindi: समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी 2024-25

Samas in Hindi: समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी 2024-25

कर्मधारय समास के 10 उदाहरण

समास किसे कहते हैं?

दो या दो से अधिक शब्दों को संछिप्त करके नए शब्द बनाने की प्रक्रिया को ही समास (Samas) कहते हैं| समास का अर्थ संछिप्तीकरण होता हैं| समास (samas) रचना में दो पद होते हैं| पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता हैं, और दूसरे को ‘उत्तरपद’ कहा जाता हैं| पूर्वपद और उत्तरपद के मिलने से जो नया शब्द बनता हैं, उसे समस्त पद कहते हैं| समास कितने प्रकार के होते हैं, तथा इसका विस्तृत जानकारी निचे दिया गया हैं| समास के उदाहरण

  • रसोई के लिए घर = रसोईघर
  • राजा का पुत्र = राजपुत्र
  • नील और कमल = नीलकमल

समास के भेद, उदाहरण सहित

समास के प्रकार एवं समास (Samas) से सम्बंधित पूरी जानकारी निचे दी गई हैं-

  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. कर्मधारय समास
  4. द्रिगु समास
  5. द्रन्द्र समास
  6. बहुब्रीहि समास

अव्ययीभाव समास

जिस समास (Samas) का पूर्वपद अव्यय प्रधान हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं| इसमें अव्यय पद का प्रारूप लिंग, वचन, कारक में नहीं बदलता हैं| वो हमेशा एक जैसा रहता हैं| यदि एक शब्द की पुनरावृत्ति हो और दोनों शब्द मिलकर अव्यय की तरह प्रयोग हो वहां पर अव्ययीभाव समास होता हैं|

पहचान– पहला पद अनु, प्रति, भर, यथा, आ, हर इत्यादि होता हैं| उदाहरण-

  • यथानियम = नियम के अनुसार
  • प्रतिवर्ष = हर वर्ष
  • घर-घर = प्रत्येक घर
  • रातों रात = रात ही रात में
  • आमरण = मृत्यु तक
  • यथाकाम = इच्छानुसार

तत्पुरुष समास

जिस समास (Samas) में बाद का अथवा उत्तरपद प्रधान होता हैं और दोनों पदों के बिच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता हैं, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं| तत्पुरुष समास में अंतिम पद प्रधान होता हैं| उदाहरण-

  • सिकंदराबाद = सिकंदर द्वारा आबाद
  • मदमत्त = माध से मत्त
  • रोगमुक्त = रोग से मुक्त
  • देवालय = देव का आलय
  • शरणागत = शरण में आगत

तत्पुरुष समास के भेद

तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं-

  • कर्म तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द में कर्म कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • कष्टभोगी = कष्ट को भोगनेवाला
    • देवगत = देव को गत
    • गगनचुम्बी = गगन को चूमने वाला
    • ग्रामगत = ग्राम को गया हुआ
    • जेबकतरा = जेब को कतरने वाला
  • करण तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द के कारण कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत
    • मनचाहा = मन से चाहा
    • रसभरा = रस से भरा
    • भयाकुल = भय से आकुल
    • सूररचित = सूर द्वारा रचित
  • सम्प्रदान तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द में सम्प्रदान कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह
    • रसोईघर = रसोई के लिए घर
    • राहखर्च = राह के लिए खर्च
    • स्नानघर = स्नान के लिए घर
    • गौशाला = गौ के लिए शाला
  • अपादान तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द में अपादान कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • भवतारक = भव से तारक
    • दूरागत = दूर से आगत
    • धनहीन = धन से हीन
    • पापमुक्त = पाप से मुक्त
    • जलहीन = जल से हीन
  • सम्बन्ध तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द में सम्बन्ध कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • राजकुमारी = राजा की कुमारी
    • देशवासी = देश के वासी
    • राजदरबार = राजा का दरबार
    • गृह स्वामी = गृह का स्वामी
    • पराधीन = पर के अधीन
  • अधिकरण तत्पुरुष समास: इसमें सामासिक शब्द में अधिकरण कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
    • दानवीर = दान में वीर
    • आपबीती = आप पर बीती
    • नरोत्तम = नारों में उत्तम
    • लोकप्रिय = लोक में प्रिय

कर्मधारय समास

जिस समास (Samas) में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग होता हैं, उसे कर्मधारय समास कहते हैं| उदाहरण-

  • चन्द्रमुख = चंद्र जैसा मुख
  • महात्मा = महान हैं जो आत्मा
  • देहलता = देह रूपी लता
  • नवयुवक = नव हैं जो युवक
  • नीलगगन = नीला हैं जो गगन

कर्मधारय समास के भेद

कर्मधारय समास के 4 भेद होते हैं-

  • विशेषणपूर्वपद: इसमें पहला पद विशेषण होता हैं| उदाहरण-
    • नीलकमल = नील + कमल
    • भलमानस = भल + मानस
    • प्रियसखा = प्रिय + सखा
  • विशेष्यपूर्वपद: इसमें पहला पद विशेष्य होता हैं| उदाहरण-
    • कुमारश्रमणा = कुमारी + श्रमणा (सन्यास ग्रहण की हुई)
  • विशेषणोभयपद: इसमें दोनों पद विशेषण होते हैं| उदाहरण-
    • शीतोष्ण = ठंडा + गरम
  • विशेष्योभयपद: इसमें दोनों पद विशेष्य होते हैं| उदाहरण- आमगाछ, वायस-दम्पति इत्यादि|

द्रिगु समास

यदि कर्मधारय समास में प्रथम पद संख्यावाचक विशेषण हो तो उसे द्रिगु समास कहते हैं| इसमें समूह अथवा समाहार का बोध होता हैं| उदाहरण-

  • सप्तसिंधु = सात सिन्धुओ का समूह
  • त्रिलोक = तीनो लोको का समाहार
  • पंचतंत्र = पाँच तंत्रो का समूह
  • नवनिधि = नौ निधियों का समूह
  • त्रिभुज = तीन भुजाओं का समूह

द्रिगु समास के भेद

द्रिगु समास के दो भेद होते हैं-

  • समाहारद्रिगु: इसका अर्थ ‘इक्कट्ठा होना’ या ‘समेटना’ होता हैं| उदाहरण-
    • त्रिलोक = तीनों लोको का समाहार
    • पसेरी = पांच सेरों का समाहार
  • उत्तरपदप्रधानद्रिगु: इसमें एक शब्द उत्तरपद होता हैं, तथा वह शब्द दूसरे शब्द को विशेषण करता हैं| उदाहरण-
    • दुसूती = दो सूतों के मेल का
    • पंचप्रमाण = पांच प्रमाण

द्रन्द्र समास

इस समास (Samas) में दोनों ही पद प्रधान होते हैं| इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता हैं| इसमें शब्दों का विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता हैं, उसे द्रन्द्र समास कहते हैं| उदाहरण-

  • माता-पिता = माता और पिता
  • अन्न-जल = अन्न और जल
  • लाभ-हानि = लाभ और हानि
  • पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
  • भला-बुरा = भला और बुरा

द्रन्द्र समास के भेद

द्रन्द्र समास के तीन भेद होते हैं-

  • इतरेतर द्रन्द्र समास: वे द्रन्द्र जिसमे ‘और’ शब्द से पद जुड़े होते हैं और अलग अस्तित्व रखते हो, उसे इतरेतर द्रन्द्र समास कहते हैं| उदाहरण-
    • अमीर-गरीब = अमीर और गरीब
    • गाय-बैल = गाय और बैल
    • बेटा-बेटी = बेटा और बेटी
  • समाहार द्रन्द्र समास: समाहार का अर्थ समूह होता हैं| इसमें दोनों पद का अर्थ मिलकर एक समूह बनाता हैं| उदाहरण-
    • हाथपाँव = हाथ और पाँव
    • दालरोटी = दाल और रोटी
  • विकल्प द्रन्द्र समास: इसमें दोनों पदों में से एक ही पद का प्रयोग किया जाता हैं| उदाहरण-
    • थोडा-बहुत = थोड़ा या बहुत
    • भला या बुरा

बहुव्रीहि समास

समास (Samas) में आये पदों को छोड़कर जब किसी अन्य पदार्थ की प्रधानता हो तो उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं| अर्थात बहुब्रीहि समास में दोनो पदों (पूर्वपद और उत्तरपद) में से कोई भी एक पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता को दर्शाता हैं| उदहारण-

  • दीर्घबाहु = दीर्घ हैं बाहु जिसकी
  • महावीर = महान हैं जो वीर
  • गिरिधर = गिरि को धारण करने वाला
  • प्रधानमंत्री = मंत्रियो में जो प्रधान हैं
  • निशाचर = निशा में विचरण करने वाला

सामासिक शब्द किसे कहते हैं?

समास के नियमो से निर्मित शब्द को सामासिक शब्द कहते हैं| इसे समस्तपद भी कहा जाता हैं| जैसे- राजपुत्र

समास विग्रह (Samas vigrah) क्या हैं?

सामासिक शब्दों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने को ही समास विग्रह (Samas vigrah) कहते हैं| दूसरे शब्दों में जब समस्त पद के सभी पद अलग- अलग किये जाते हैं, उसे समास विग्रह कहते हैं| जैसे- माता-पिता = माता और पित|

कुछ महत्वपूर्ण अंतर

कुछ महत्वपूर्ण अंतर जो अक्सर एग्जाम में पूछे जाते हैं, जैसे कि संधि समास में अंतर, कर्मधारय और बहुब्रीहि समास में अंतर, द्रिगु और बहुब्रीहि समास में अंतर इत्यादि| निचे सारे अंतर दिए गए हैं-

संधि (Sandhi) और समास (Samas) में अंतर

निचे संधि (Sandhi) और समास (Samas) में अंतर दिए गए हैं-

संधि और समास में अंतर

कर्मधारय समास और बहुब्रीहि समास में अंतर

कर्मधारय समास और बहुब्रीहि समास में अंतर निचे दिए गए हैं-

कर्मधारय समास और बहुब्रीहि समास में अंतर

द्रिगु समास और बहुब्रीहि समास में अंतर

द्रिगु समास और बहुब्रीहि समास में अंतर निचे दिए गए हैं-

द्रिगु समास और बहुब्रीहि समास में अंतर

द्रिगु समास और कर्मधारय समास में अंतर

द्रिगु समास और कर्मधारय समास में अंतर निचे दिए गए हैं-

द्रिगु समास और कर्मधारय समास में अंतर

अक्सर परीक्षा में आने वाले कुछ महत्वूर्ण समास विग्रह और उनके नाम

निचे कुछ महत्वपूर्ण समास विग्रह और उनके नाम दिए गए है, जो अक्सर एग्जाम में आते हैं-

अक्सर परीक्षा में आने वाले कुछ महत्वूर्ण समास विग्रह और उनके नाम

FAQs

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This post was last modified on November 19, 2024 1:47 pm