Khatu Shyam Name | Shyam Baba Ke 11 Prasidh Naam | खाटू श्याम बाबा के 11 प्रसिद्ध नाम

Khatu Shyam Name | Shyam Baba Ke 11 Prasidh Naam | खाटू श्याम बाबा के 11 प्रसिद्ध नाम

Khatu Shyam Name | Shyam Baba Ke 11 Prasidh Naam | खाटू श्याम बाबा के 11 प्रसिद्ध नाम

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खाटू श्याम के 11 नाम

Khatu Shyam Name: खाटू श्याम, जितने लोग अलग नाम से बुलाते हैं जैसे बर्बरीक, बाबा श्याम, शीश का दानी, तीन बाण धारी तथा अन्य अलग-अलग नामों से यह जाने जाते हैं (खाटू श्याम जी के 11 नाम) और हिंदू धर्म में खाटू श्याम एक बहुत ही पूजनीय देवता हैं। खाटू श्याम की कथा महाभारत से जुड़ी हुई है। जानिए एक वीर योद्धा बर्बरीक ने महाभारत में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आज के इस लेख में हम खाटू श्याम के 11 नामों और उनके पीछे के कारणों का पता लगाएंगे। खाटू श्याम के 11 नामों को जानने के लिए इस लेख में अंत तक बने रहें! इस रोमांचक और रोचक विषय के बारे में और भी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पैराग्राफ में जुड़े रहें।- khatu shyam name – खाटू श्याम जी के 11 नाम

Khatu Shyam Name | खाटू श्याम बाबा के 11 नाम

khatu shyam name: वैसे खाटू श्याम को उनके भक्त अलग-अलग नामों से पुकारते हैं पर जो 11 सबसे प्रसिद्ध नाम है और उनके पीछे की कहानी क्या है आज इस लेख में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं… – खाटू श्याम के 11 नाम

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Khatu Shyam Name: खाटू श्याम बाबा के 11 नाम – यदि आप खाटू श्याम बाबा के बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं तो हमने नीचे सारणी में खाटू श्याम बाबा के बारे में कुछ पोस्ट मेंशन की है जिसमें आप खाटू श्याम बाबा का इतिहास, खाटू श्याम बाबा का नाम (khatu shyam name style), खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता, खाटू श्याम जी आरती को पढ़ सकते हैं – khatu shyam name list (खाटू श्याम बाबा के 11 नाम)

Khatu Shyam Name List – Baba Shyam ke 11 Naam

S.no Baba Shyam ke 11 Naam 1 बर्बरीक | Barbarik 2 मौर्वी नंदन | Morvi Nandan 3 तीन बाण धारी | Teen Baan Dhari 4 शीश के दानी | Seesh Ke Daani 5 लखदातार | Lakdataar 6 कलियुग के अव​तारी | Kalyug Ke Avtari 7 नीले घोड़े का सवार | Nile Ghode Ka Sawar 8 श्रीश्याम | Shree Shyam 9 हारे का सहारा | Haare Ka Saahara 10 खाटू नरेश | Khatu Naresh 11 मोरछड़ी धारक | Morchadi Dharak

बर्बरीक | Barbarik

खाटू श्याम का पहले नाम बर्बरीक था जो कि उनकी माता और पिता द्वारा दिया गया था बर्बरीक की माता का नाम अहिलावती और पिता का नाम घटोत्कच था घटोत्कच अधिक शक्तिशाली गदाधारी भीम के पुत्र थे और माता मौर्वी नागकन्या की पुत्री थी

मौर्वी नंदन | Morvi Nandan

बर्बरीक माता मोरवी के पुत्र हैं इसलिए इन्हें मोरवी नंदन भी कहा जाता है और खाटू श्याम मेले के दौरान मौर्वी नंदन के जयकारे भी खूब लगाए जाते हैं

तीन बाण धारी | Teen Baan Dhari

बर्बरीक भी अपने पितामह और पिता की तरह अत्यंत उत्कृष्ट योद्धा थे। बर्बरीक ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणा से मां दुर्गा की तपस्या की और मां दुर्गा से तीन अद्वितीय शक्तिशाली बाण प्राप्त किए थे। इन बाणों की शक्ति से वे सम्पूर्ण ब्रह्मांड को वश में कर सकते थे। इसलिए, उन्हें ‘त्रिशूली’ भी कहा जाता है। उनके जैसा धनुर्धारी इस विशाल ब्रह्मांड में नहीं था, नहीं है, और न कभी होगा। इस अद्वितीय योद्धा की कहानी ने हमें अद्वितीय शक्ति और साहस का संदेश दिया। इस अद्वितीय योद्धा की कहानी ने हमें अद्वितीय शक्ति और साहस का संदेश दिया।

शीश के दानी | Seesh Ke Daani

जब बर्बरीक ने महाभारत युद्ध की बात सुनी तो उन्होंने भी इस युद्ध में भाग लेने का निश्चय किया और अपनी माता मोदी के पास उनका आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। उनकी माता मोरवी ने उनसे वचन मांगा कि वे इस युद्ध में हारे हुए पक्ष का साथ देंगे। भगवान श्री कृष्ण ने इसे स्वीकार किया क्योंकि उन्हें पहले से ही यह ज्ञात था कि इस युद्ध में कौरवों की हार निश्चित है। बर्बरीक ने ब्राह्मण के रूप में प्रकट होकर दान में अपना शीश मांगा और उसे दान कर दिया। इस कारण उन्हें वश माना जाता है और उन्हें शीश का दानी भी कहा जाता है। इस युद्ध के इतिहास में इस घटना का विशेष महत्व है।

लखदातार | Lakdataar

भगवान श्याम को लखदातार की कहां जाता है क्योंकि श्याम बाबा की महिमा बहुत निराली है ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर श्याम बाबा की कृपा होती है वह व्यक्ति हर तरह से संपन्न हो जाता है और श्याम बाबा की कृपा के कारण लाखों भक्तों में जहां सामान्य व्यक्ति भी धनवान बन जाता है इसी कारण से श्याम बाबा को लगातार के नाम से पुकारा जाता है और श्याम जी के मेले में पश्चिम बंगाल, आसाम, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, आदि जगहों से लाखों की संख्या में बस दर्शन करने के लिए आते हैं

कलियुग के अव​तारी | Kalyug Ke Avtari

महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें अपना नाम दिया और साथ ही यह वरदान भी दिया कि वह आने वाले कलयुग में पूजे जाएंगे। इसलिए उन्हें कलयुग के अवतारी भी कहा जाता है और अभी इस संसार में कलयुग ही चल रहा है। इस प्रसंग में, बाबा श्याम अपने भक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां हर दिन लाखों की संख्या में उनके भक्त अपनी मुरादे उनके पास लेकर आते हैं। उनका ऐसा विश्वास है कि भगवान खाटू श्याम सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे और उनके भक्तों को आनंद और शांति प्रदान करेंगे। (खाटू श्याम जी के 11 नाम)

नीले घोड़े का सवार | Nile Ghode Ka Sawar

भगवान शाम को नीले घोड़े का सवार भी कहा जाता है क्योंकि बरबरी के पास जो घोड़ा था वह नीले रंग का था इसलिए उन्हें नीले घोड़े रा असवार भी कहा जाता है और कई भक्तों को लीले का अश्वार भी कहते हैं क्योंकि स्थानीय भाषा में नीले को लीला भी कहा जाता है इसलिए उन्हें नीले घोड़े का सवार या लीले का अश्वार भी कहते हैं

श्रीश्याम | Shree Shyam

जब विश्वास का अद्भुत संगम होता है, तो श्री कृष्ण ने अपनी अद्वितीय शक्ति से बर्बरीक के दिल में एक नया ज्ञान का प्रकाश डाला। उन्होंने दान की भावना को एक नया आयाम दिया और बर्बरीक को अपने असली रूप में पहचानने का अवसर दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने उनके मन की गहराईयों में घुसकर उन्हें अपनी अद्वितीय विभूति का दर्शन कराया। उन्होंने उन्हें युद्ध के पूर्व इस धरती पर पूजा का महत्व समझाया और सर्वोत्तम क्षत्रिय के शीश की आहुति की मांग की। बर्बरीक ने अपनी आत्मा को उनके पास रखने के लिए तैयारी की, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी कि वह महाभारत के युद्ध का दर्शन करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए उच्च पहाड़ी पर उनका शीश स्थापित किया, जहां से उन्होंने पूरे महाभारत युद्ध का दर्शन किया। भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी साहसिकता को सराहा और उन्हें श्रेष्ठ वीर का उपाधि दिया, साथ ही उन्हें नाम श्याम दिया। इस अद्वितीय घटना के कारण, बाबा श्याम को श्री श्याम के नाम से भी जाना जाता है।

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हारे का सहारा | Haare Ka Saahara

जब व्यक्ति अपनी लाइफ में हर जगह से ठोकर खाने के हताश और निराश हो जाता है और बाबा श्याम की भक्ति में लीन हो जाता है तो उसके सारे दुख और पाप खुद नष्ट हो जाते हैं और उनके ऊपर बाबा श्याम की कृपा बरसती है इसलिए बाबा शाम को हारे का सहारा भी कहा जाता है और एक मान्यता यह भी है कि महाभारत युद्ध में जब बर्बरीक अपनी माता से युद्ध के लिए आशीर्वाद मांगने गए थे तब उनकी माता ने उनसे हारे हुए पक्ष का साथ देने के लिए कहा था इसलिए भी बाबा श्याम हारे के सहारा नाम से भी जाने जाते हैं

खाटू नरेश | Khatu Naresh

बाबा श्याम को खाटू नरेश के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह राजस्थान में सीकर जिले के खाटू नगर में विराजमान है और भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें श्याम नाम की उपाधि मिली हुई है इसी कारण से उन्हें खाटू श्याम या खाटू नरेश के नाम से भी जानते हैं

मोरछड़ी धारक | Morchadi Dharak

बाबा श्याम को भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद मिला हुआ है और भगवान श्री कृष्ण की प्रिय वस्तु मोर पंख और बांसुरी है बाबा श्याम को मोरछड़ी रखने के कारण उन्हें मोरछड़ी धारक भी कहा जाता है

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खाटू श्याम के 108 नाम – khatu shyam name in hindi

1. अचला: भगवान 2. अच्युत: अचूक प्रभु, या जिसने कभी भूल ना की हो 3. अद्भुतह: अद्भुत प्रभु 4. आदिदेव: देवताओं के स्वामी 5. अनया: जिनका कोई स्वामी न हो 6. अजंमा: जिनकी शक्ति असीम और अनंत हो 7. अजया: जीवन और मृत्यु के विजेता 8. अक्षरा: अविनाशी प्रभु 9. अम्रुत: अमृत जैसा स्वरूप वाले 10. अनादिह: सर्वप्रथम हैं जो 11. आनंद सागर: कृपा करने वाले 12. अनंता: अंतहीन देव 13. अनंतजित: हमेशा विजयी होने वाले 14.अदित्या: देवी अदिति के पुत्र 15. अनिरुध्दा: जिनका अवरोध न किया जा सके 16. अपराजीत: जिन्हें हराया न जा सके 17. अव्युक्ता: माणभ की तरह स्पष्ट 18. बालगोपाल: भगवान कृष्ण का बाल रूप 19. बलि: सर्व शक्तिमान 20. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले प्रभु 21. दानवेंद्रो: वरदान देने वाले 22. दयालु: करुणा के भंडार 23. दयानिधि: सब पर दया करने वाले 24. देवाधिदेव: देवों के देव 25. देवकीनंदन: देवकी के लाल (पुत्र) 26. देवेश: ईश्वरों के भी ईश्वर 27. धर्माध्यक्ष: धर्म के स्वामी 28. द्वारकाधीश: द्वारका के अधिपति 29. ऋषिकेश: सभी इंद्रियों के दाता 30. गोपालप्रिया: ग्वालों के प्रिय 31. गोविंदा: गाय, प्रकृति, भूमि को चाहने वाले 32. ज्ञानेश्वर: ज्ञान के भगवान 33. हरि: प्रकृति के देवता 34. हिरंयगर्भा: सबसे शक्तिशाली प्रजापति 35.गोपाल: ग्वालों के साथ खेलने वाले 36. जगद्गुरु: ब्रह्मांड के गुरु 37. जगदिशा: सभी के रक्षक 38. जगन्नाथ: ब्रह्मांड के ईश्वर 39. जनार्धना: सभी को वरदान देने वाले 40. कृष्ण: सांवले रंग वाले 41. ज्योतिरादित्या: जिनमें सूर्य की चमक है 42. कमलनाथ: देवी लक्ष्मी की प्रभु 43. कमलनयन: जिनके कमल के समान नेत्र हैं 44. कामसांतक: कंस का वध करने वाले 45. कंजलोचन: जिनके कमल के समान नेत्र हैं 46. केशव: घने काले बालों वाले 47.जयंतह: सभी दुश्मनों को पराजित करने वाले 48. लक्ष्मीकांत: देवी लक्ष्मी की प्रभु 49. लोकाध्यक्ष: तीनों लोक के स्वामी 50. मदन: प्रेम के प्रतीक 51. माधव: ज्ञान के भंडार 52. मधुसूदन: मधु- दानवों का वध करने वाले 53. महेंद्र: इन्द्र के स्वामी 54. नंद्गोपाल: नंद बाबा के पुत्र 55. मनोहर: बहुत ही सुंदर रूप रंग वाले प्रभु 56. मयूर: मुकुट पर मोर- पंख धारण करने वाले भगवान 57. मोहन: सभी को आकर्षित करने वाले 58. मुरली: बांसुरी बजाने वाले प्रभु 59. मुरलीधर: मुरली धारण करने वाले 60. मुरलीमनोहर: मुरली बजाकर मोहने वाले 61. मनमोहन: सबका मन मोह लेने वाले 62. नारायन: सबको शरण में लेने वाले 60. निरंजन: सर्वोत्तम 64. निर्गुण: जिनमें कोई अवगुण नहीं 65. पद्महस्ता: जिनके कमल की तरह हाथ हैं 66. पद्मनाभ: जिनकी कमल के आकार की नाभि हो 67. परब्रह्मन: परम सत्य 68. रविलोचन: सूर्य जिनका नेत्र है 69. परमपुरुष: श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले 70. पार्थसार्थी: अर्जुन के सारथी 71. प्रजापती: सभी प्राणियों के नाथ 72. पुंण्य: निर्मल व्यक्तित्व 73. पुर्शोत्तम: उत्तम पुरुष 74.परमात्मा: सभी प्राणियों के प्रभु 75. सहस्राकाश: हजार आंख वाले प्रभु 76. सहस्रजित: हजारों को जीतने वाले 77. सहस्रपात: जिनके हजारों पैर हों 78.साक्षी: समस्त देवों के गवाह 79. सनातन: जिनका कभी अंत न हो 80. सर्वजन: सब- कुछ जानने वाले 81. सर्वपालक: सभी का पालन करने वाले 82. सर्वेश्वर: समस्त देवों से ऊंचे 83. सत्यवचन: सत्य कहने वाले 84. सत्यव्त: श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले देव 85. शंतह: शांत भाव वाले 86. सुमेध: सर्वज्ञानी 87. श्रीकांत: अद्भुत सौंदर्य के स्वामी 88. श्याम: जिनका रंग सांवला हो 89. श्यामसुंदर: सांवले रंग में भी सुंदर दिखने वाले 90. सुदर्शन: रूपवान 91. श्रेष्ट: महान 92. सुरेशम: सभी जीव- जंतुओं के देव 93. स्वर्गपति: स्वर्ग के राजा 94. त्रिविक्रमा: तीनों लोकों के विजेता 95. उपेंद्र: इन्द्र के भाई 96. वैकुंठनाथ: स्वर्ग के रहने वाले 97. वर्धमानह: जिनका कोई आकार न हो 98. योगि: प्रमुख गुरु 99. विष्णु: भगवान विष्णु के स्वरूप 100. विश्वदक्शिनह: निपुण और कुशल 101. विश्वकर्मा: ब्रह्मांड के निर्माता 102. विश्वमूर्ति: पूरे ब्रह्मांड का रूप 103. विश्वरुपा: ब्रह्मांड- हित के लिए रूप धारण करने वाले 104. विश्वात्मा: ब्रह्मांड की आत्मा 105. वृषपर्व: धर्म के भगवान 106. यदवेंद्रा: यादव वंश के मुखिया 107. वासुदेव: सभी जगह विद्यमान रहने वाले 108. योगिनाम्पति: योगियों के स्वामी

Khatu Shyam Name | Shyam Baba Ke 11 Prasidh Naam

खाटू श्याम के 11 नाम: वैसे तो मुझे खाटू श्याम के नामों में से हारे के सहारे नाम अत्यधिक पसंद है और आप बाबा श्याम को किस नाम से पुकारते हैं (baba shyam ke 11 naam) कृपया कमेंट में हमें बताएं और यदि यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों, फैमिली के साथ शेयर करें और यदि आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में आप हमें सुझाव दे सकते हैं जिससे हम अपने आने वाली पोस्ट में जरूर अपनाएंगे आपका कीमती समय इस पोस्ट पर देने के लिए धन्यवाद और ऐसे ही कुछ नया जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट gyandoor.in को विजिट करते रहे हम आपके लिए हर दिन कुछ ज्ञानवर्धक लेख लेकर आएंगे – खाटू श्याम के 11 नाम

FAQs: खाटू श्याम के 11 नाम | Shyam Baba Ke 11 Prasidh Naam

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This post was last modified on November 21, 2024 10:08 pm